राम नवमी की पूजा विधि
राम नवमी के दिन सुबह जल्द उठकर स्नान करके साफ वस्त्र पहने। फिर हाथ में अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। भगवान सूर्य को जल चढ़ाए। फिर श्रीराम को पुष्प, 5 प्रकार के फल, मिठाई आदि अर्पण करें। प्रभु को तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें। उसके बाद श्रीरामचंद्र स्तुति का पाठ करें।
श्रीरामचंद्र स्तुति
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं।
नव कंजलोचन, कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं।।
कंन्दर्प अगणित अमित छबि नवनील नीरद सुंदर।
पटपीत मानहु तडित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं।।
भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्यवंश निकन्दंन।
रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद्र दशरथ नन्दनं।।
सिरा मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारु अंग विभूषणम्।
आजानुभुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणम्।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं।।
मनु जाहिं राचेउ मिलहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो।।
एही भांति गौरि असीस सुनि सिया सहित हियं हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनिपुनि मुदित मन मन्दिरचली।।
दोहा
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ।।
।। सिया वर राम चंद्र की जय।।
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