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स्मार्टफोन व टैबलेट पाने वाले लाखों छात्रों की पढ़ाई में मदद करेगा Infosys

        <script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5445741994229368"      crossorigin="anonymous"></script>  उत्तर प्रदेश यूपी के लाखों छात्र छात्राओं को स्मार्टफोन-टैबलेट तो मुफ्त मिलेगा ही, साथ ही इसके जरिए वह नि:शुल्क पढ़ाई भी कर सकेंगे। यह काम बहुराष्ट्रीय कंपनी इंफोसिस के जरिए कराया जाएगा। इसके लिए यूपी सरकार व इंफोसिस के बीच जल्द एक एमओयू साइन किया जाएगा। इससे लाखों छात्रों की पढ़ाई में मदद होगी। असल में कंपनी तकनीकी इंडस्ट्री पार्टनर के तौर पर यूपी सरकार के साथ सहयोगी करेगी। कंपनी के स्प्रिंग बोर्ड प्लेटफॉर्म पर 3900 कोर्स व प्रोग्राम उपलब्ध हैं। इस कंटेंट को विषयवार छात्रों के टैबलेट व स्मार्टफोन मेंआनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा एक फ्लैश मैसेजिंग एप डिजिशक्ति अध्ययन भी तैयार किया जा रहा है। इसमें उच्च शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, स्किल डवलपमेंट मिशन, चिकित्सा शिक्षा, पैरा मेडिकल, एमएसएमई व दिव्यांगजन कल्याण विभाग आदि अध्ययन सामग्री तैयार करेंगे। इसे...

MoFPI Recruitment 2022: फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में बिना परीक्षा पा सकते हैं नौकरी, 2.5 लाख मिलेगी सैलरी

MoFPI Recruitment 2022 :  उम्मीदवार आवेदन करने से पहले इन सभी आवश्यक बातों को ध्यान से जरूर पढ़ें. साथ ही इस भर्ती  (MoFPI Recruitment 2022) प्रक्रिया के तहत उम्मीदवार MoFPI में नौकरी हासिल कर सकते हैं। MoFPI Recruitment 2022:  खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) में नौकरी (Sarkari Naukri) की तलाश कर रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका है. इसके (MoFPI Recruitment 2022) लिए MoFPI ने कंसल्टेंट्स और यंग प्रोफेशनल के पदों (MoFPI Recruitment 2022) के लिए आवेदन मांगे हैं. इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार जो इन पदों (MoFPI Recruitment 2022) के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे MoFPI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं. इन पदों (MoFPI Recruitment 2022) पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022 है। इसके अलावा उम्मीदवार सीधे इस लिंक   https://www.mofpi.gov.in/announcements  पर क्लिक करके भी इन पदों (MoFPI Recruitment 2022) के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही इस लिंक  https://www.mofpi.gov.in/sites/default/files/advertisement  के जरिए आधिका...

नववर्ष स्वीकार नहीं मुझे.....

<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5445741994229368"      crossorigin="anonymous"></script> अंग्रेजी नववर्ष पर राष्ट्रकवि श्रद्धेय *रामधारी सिंह " दिनकर " जी की कविता:-  ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं, है अपना ये त्यौहार नहीं, है अपनी ये तो रीत नहीं, है अपना ये व्यवहार नहीं। धरा ठिठुरती है शीत से, आकाश में कोहरा गहरा है, बाग़ बाज़ारों की सरहद पर सर्द हवा का पहरा है। <script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5445741994229368"      crossorigin="anonymous"></script> सूना है प्रकृति का आँगन कुछ रंग नहीं, उमंग नहीं, हर कोई है घर में दुबका हुआ नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं। चंद मास अभी इंतज़ार करो, निज मन में तनिक विचार करो, नये साल नया कुछ हो तो सही, क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही। ये धुंध कुहासा छंटने दो, रातों का राज्य सिमटने दो, प्रकृति का रूप निखरने दो, फागुन का रंग बिखरने दो। प्रकृति दुल्हन का र...

किसान क्रेडिट कार्ड आनलाइन फिर से प्रारम्भ या कुछ और

KCC Application Form : केंद्र सरकार ने किसानों ( Farmer ) की आय को दोगुना करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं शुरू की हैं ! सरकार इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को उच्च आय और सुखी जीवन प्रदान करना चाहती है ! केंद्र सरकार ने इस उद्देश्य के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना ( Kisan Credit Card Scheme ) को पुनर्जीवित किया है ! किसानों की यह योजना पहले बंद कर दी गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अब इस किसान क्रेडिट कार्ड योजना ( KCC Yojana ) को फिर से शुरू कर दिया है! अब सभी किसान बनवा सकते हैं अपना किसान क्रेडिट कार्ड! आज अपने इस लेख में हम आपको केंद्र सरकार की इस किसान क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में जानकारी देंगे ! इसके साथ ही हम किसानों को यह भी बताएंगे कि वे अपने किसान क्रेडिट कार्ड  ( Kisan Credit Card ) के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे कर सकते हैं ! KCC Application Form किसान क्रेडिट कार्ड योजना ( Kisan Credit Card Scheme ) किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी योजना है ! केंद्र सरकार की इस योजना के तहत किसान अपना किसान क्रेडिट कार्ड ( KCC ) बनवाकर यो...

त्रैमासिक कृषि पत्रिका कृषक वाटिका के सफलता पूर्वक प्रकाशन के 13 वर्ष पूर्ण

त्रैमासिक कृषि पत्रिका के सफलता के स्मरणीय 13 वर्ष: कृषक वाटिका  (कृषि एवं ग्रामीण विकास की क्रान्तिकारी पहल)  का प्रथम अंक जनवरी 2009 में किया गया।  प्रधान सम्पादक   डा. योगेन्द्र प्रताप सिंह सम्पादक मण्डल डा. आशीष गोस्वामी - वाराणसी (पूर्वी उत्तर प्रदेश)  डा. अनिल कुमार चौरसिया - पन्तनगर (उत्तरांचल)  डा. डी.के. तिवारी - नागपुर (महाराष्ट्र) डा. सईद अख्तर - हैदराबाद (आन्ध्र प्रदेश) सुलक्षणा सिंह - कन्नौज (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) प्रतिनिधि/संवाददाता स्वयं सिंह (लखनऊ),  डा. आर. मूर्ति चौरसिया (इलाहाबाद),  डा. रमेश चौरसिया (फैजाबाद),  शिवम (नई दिल्ली), वेद प्रकाश (भदोही),  विवेक (औरैया) सम्पादक पत्र-व्यवहार डा. वाई.पी.सिंह,  प्रधान संपादक,  कृषक वाटिका हनुमान मन्दिर, नरसड़ा, सुल्तानपुर (उ.प्र.), 227806  संयुक्त निदेशक (उत्पादन)  भूपेन्द्र सिंह 'सर्जन भईया' व्यापार प्रबंधक नीलम सिंह आवरण एवं सज्जा कुँवर अनुभव विक्रम सिंह और प्रिंसेज अमृता मूल्य एक प्रति  30 रुपये 300 रुपये  वार्षिक शुल्क 540 रुपये...

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना

<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5445741994229368"      crossorigin="anonymous"></script> मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना परिचय व आवश्यकता भारत का सामाजिक तानाबाना स्वयं में जटिल और संवेदी है। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेदभाव पूर्ण रही है। समाज में प्रचलित कुरीतियां एवं भेद-भाव जैसेः कन्या भ्रूण हत्या, असमान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति परिवार की नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्रायः बालिकायें/महिलायें अपने जीवन, संरक्षण, स्वास्थ एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर निरन्तर प्रयास भी किये जा रहे हैं। इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की जा रही है जो अत्यन्त आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास हे...

ये है योगी राज:जिनका पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं, उनका एनकाउंटर; निर्दलीयों की गिरफ्तारी ओर बड़े दलों के साथ रहने वाले मौज में

यूपी में एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार शुरू से ही विपक्ष के निशाने पर रही है। उसकी वजह है प्रदेश में साढ़े चार साल में 139 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराना। मुख्यमंत्री योगी खुद बार-बार एनकाउंटर के इन आंकड़ों को कानून व्यवस्था से जोड़कर अपनी सरकार की तारीफ करते हैं। सीएम योगी कहते हैं कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है, उसका कोई धर्म नहीं होता। सिर्फ यही नहीं, प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री भी इस उपलब्धि को लेकर योगी की पीठ थपथपाते रहते हैं। लेकिन, विपक्ष के हंगामे की भी वजह है। विपक्ष का कहना है कि जो विरोधी हैं उनके खिलाफ तो योगी सरकार ने कार्रवाई की। जैसे अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा। तीनों जेल में बंद हैं। लेकिन जिन माफियाओ की राजनीतिक पैठ है या सत्ता के करीब हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। जिनका पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं था, उनका एनकाउंटर जुलाई 2020 में 5 लाख के इनामी विकास दुबे को मारा गया। नवंबर 2020 में 3 लाख का इनामी सूर्यांश दुबे मारा गया। अप्रैल 2018 में ढाई लाख के इनामी बलराज भाटी को मारा। अक्टूबर 2020 म...