इतनी हुई एटीएफ की कीमत (ATF Price)
राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, एविएशन टरबाइन ईंधन (Aviation turbine fuel, ATF) राष्ट्रीय राजधानी में 17,135.63 रुपये प्रति किलोलीटर या 18.3 फीसदी बढ़ाकर 1,10,666.29 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई। मुंबई में एटीएफ की कीमत 1,09,119.83 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई और कोलकाता में इसकी कीमत 1.14,979.70 रुपये प्रति किलोलीटर है। चेन्नई में भी यह 1 लाख रुपये के पार, यानी 1,14,133.73 रुपये प्रति किलोलीटर है।.
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इसलिए बढ़ी कीमत
इ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russia Ukraine War) के बाद आपूर्ति बाधित होने की आशंका से अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें पिछले सप्ताह 140 डॉलर प्रति बैरल के करीब 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं। तब से कीमतें लगभग 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं।
जेट ईंधन एक एयरलाइन की परिचालन लागत का लगभग 40 फीसदी है। इस साल यह नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। 71,028.26 रुपये प्रति किलोलीटर का पिछला शिखर अगस्त 2008 में दर्ज किया गया था, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें (Crude Oil Price) 147 डॉलर प्रति बैरल को छू गई थीं। बुधवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा था।
महंगा होगा हवाई सफर!
2022 की शुरुआत से हर पखवाड़े में एटीएफ की कीमत में वृद्धि हुई है। 1 जनवरी से शुरू होने वाली छह बढ़ोतरी में एटीएफ की कीमतों में 36,643.88 किलोलीटर या लगभग 50 फीसदी की वृद्धि हुई है। ऐसे में अब आपके लिए हवाई सफर करना महंगा हो सकता है। एयरलाइन कंपनियां फ्लाइट टिकट के दाम बढ़ा सकती हैं।
132 दिनों से नहीं बदली पेट्रोल-डीजल की कीमत
मालूम हो कि एटीएफ के विपरीत, पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार को रिकॉर्ड 132वें दिन लगातार स्थिर बनी हुई हैं। उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद भी 4 नवंबर 2021 से ही पेट्रोल-डीजल की कीमत में बदलाव नहीं हुआ।
कच्चे तेल के लिए रूस के साथ जल्द हो सकती है डील
उल्लेखनीय है कि भारत रूस के साथ 35 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद के लिए जल्द ही एक समझौते कर सकता है। TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, सौदे की शर्तों के अनुसार, रूस भारत को वितरित किए जाने वाले कच्चे तेल की शिपिंग और बीमा का भी ध्यान रखेगा।
नई दिल्ली : रूस (Russia) की तरफ से भारत (India) को सस्ते क्रूड का ऑफर दिए जाने पर गेंद इंडिया के पाले में है. दरअसल, भारत ने रूस के साथ अच्छे संबंध होने के कारण युद्ध (Russia-Ukraine War) को लेकर यूएन (UN) में रूस के खिलाफ वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था
सस्ता तेल खरीदने पर बात चल रही
सरकार जल्द रूस से क्रूड आयात पर बड़ा फैसला ले सकती है. सरकार ने बुधवार को सदन को जानकारी देते हुए बताया कि जल्द Cool off की उम्मीद है. रूस समेत अन्य देशों, स्रोतों से सस्ता तेल खरीदने पर बात चल रही है. सरकार की तरफ से बताया गया कि सही समय पर ग्राहकों के हित में जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
रूस से तेल खरीदने को मंजूरी?
दरअसल, इसको लेकर सरकार की बातचीत सकारात्मक दिशा में चल रही है. भुगतान करने के लिए डॉलर की बजाय रुपये का प्रयोग संभव है. इससे भी सरकार को फायदा मिलेगा. सरकार की तरफ से करीब 3.8 मिलियन बैरल तेल खरीदने की संभावना है. हालांकि रूस से आने वाले तेल के लिए इंश्योरेंस एक बड़ी चुनौती है.
रूस की तरफ से इंश्योरेंस पर आश्वासन
मौजूदा परिस्थितियों में कंपनियां इंश्योरेंस देने से हिचक रही हैं. दूसरी तरफ रूस डिलिवरी तक की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है और इंश्योरेंस के लिए भी आश्वासन दे रहा है. ऐसे में दोनों देशों के बीच क्रूड आयात पर बात आगे बढ़ सकती है.
सस्ता क्यों नहीं होगा पेट्रोल
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रूस से क्रूड ऑयल मंगाने पर यदि कीमत में गिरावट आती है तो इसका पूरा फायदा घरेलू ग्राहकों को नहीं मिलेगा. तेल कंपनियों को फिलहाल हो रहे नुकसान की भरपाई करते हुए धीरे-धीरे ग्राहकों को फायदा दिया जाएगा. पिछले दिनों क्रूड ऑयल की कीमत अंतररष्ट्रीय स्तर पर 134 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं. इसके बावजूद कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के रेट नहीं बढ़ाए. जबकि कई मीडिया रिपोर्ट में पेट्रोल-डीजल के 12 से 16 रुपये तक महंगा होने की बात कही जा रही थी.
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