सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

यूक्रेन पर मतभेद के बावजूद :अहम मुलाकात

भारत ने इस मसले पर अमेरिका की इच्छा के अनुसार कदम नहीं उठाया है।

इस दौरान पीएम मोदी ने बाइडन से कहा कि यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन में हालात चिंता का विषय बने हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले लगभग 20 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए थे, इनमें से अधिकांश युवा छात्र थे। पीएम ने कहा कि हमने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को दवाएं और अन्य राहत सामग्रियां भेजी हैं। यूक्रेन की मांग पर हम जल्द ही दवाओं की एक और खेप पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं।

बाइडन ने पीएम मोदी से कहा कि मैं आज आपसे वर्चुअल मुलाकात करके प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं। हम कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान वैश्विक चुनौतियों को लेकर समान चिंताएं प्रकट कर चुके हैं।

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से कई बार फोन पर बात की है। मैंने न केवल दोनों से शांति के लिए अपील की है बल्कि पुतिन को यह सुझाव भी दिया है कि वह यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ सीधे वार्ता करें। हमारी संसद में भी यूक्रेन को लेकर गहन चर्चा हुई है।

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा भागीदारी को लेकर बाइडन ने कहा कि हमारी भागीदारी का मुख्य हिस्सा हमारे लोगों और हमारे साझा मूल्यों के बीच गहरे संबंध हैं। मैं यूक्रेन के लेगों के लिए भारत की और से भेजी गई मानवीय मदद का स्वागत करता हूं।

वहीं, बूचा नरसंहार को लेकर बाइडन ने कहा कि इस शहर में सामने आई मासूम नागरिकों की हत्या के समाचार बहुत चिंताजनक हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के स्थिर प्रभावों का प्रबंधन करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच परामर्श जारी रहेगा। हमारा निरंतर परामर्श और संवाद यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और भारत के संबंध गहरे और मजबूत होते रहें।

उधर, पेंटागन में अमेरिका रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने कहा कि भारत और अमेरिका अब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक दूसरे के साथ समन्वय कर रहे हैं। हम भारत के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं इस बात पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं कि कैसे हम अपनी भागीदारी को और मजबूत कर सकते हैं।

विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया था कि दोनों नेता दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मुद्दों पर चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। वर्चुअल बैठक दोनों पक्षों को द्विपक्षीय समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से अपने नियमित और उच्चस्तरीय जुड़ाव को बनाए रखने में सक्षम बनाएगी। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक वाशिंगटन में होने वाली भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले हुई। इस टू प्लस टू वार्ता का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कर रहे हैं।

बैठक से पहले क्या बोले राष्ट्रपति बाइडन
इस बैठक से पहले बाइडन ने कहा कि आज मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक वर्चुअल बैठक में मुलाकात करूंगा। मैं हमारी सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं और लोगों के बीच संबंधों को और गहरा करने की आशा करता हूं।

यूक्रेन मसले पर पीएम रखेंगे भारत का पक्ष
बैठक में यूक्रेन मसले पर अहम बातचीत होगी। पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के समक्ष भारत का पक्ष रखेंगे। यूक्रेन मामले में अमेरिका, यूरोपीय यूनियन समेत कई पश्चिमी देश भारत के रुख की आलोचना करते रहे हैं। पिछले दिनों भारत दौरे पर आए अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने भारत के रुख पर निराशा जताते हुए चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन आक्रामक रुख अपनाता है तो रूस भारत की मदद करने नहीं आएगा। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ आए दो प्रस्तावों पर भारत के तटस्थ रुख पर भी निराशा जताई थी। इसके अलावा उसने भारत को रूस से तेल और गैस का आयात बंद करने के लिए कहा है।

जयशंकर ने सुनाई थी खरी-खरी
ब्रिटेन की विदेशमंत्री की मौजूदगी में विदेशमंत्री जयशंकर ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को खरी-खरी सुनाते हुए तेल और गैस आयात मामले में दबाव को स्वीकार नहीं करने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि युद्ध के बाद यूरोपीय देश पहले की तुलना में रूस से अधिक मात्रा में तेल और गैस का आयात कर रहे हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक स्वर में कहा था कि कुछ समय इंतजार करिए। उन्हें पूरी उम्मीद है कि रूस से तेल और गैस आयात करने वालों की सूची में शीर्ष दस में भी भारत शामिल नहीं होगा।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र अहम मुद्दा
अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी कम करने और निर्बाध आवागमन को प्राथमिकता देता रहा है। एलएसी पर तनातनी के बीच भारत क्वाड का सदस्य बना था। इस मामले में भारत का अमेरिका सहित क्वाड देशों का रुख एक है। मोदी-बाइडन बैठक में इस मुद्दे पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रक्षा खरीद मामले में रूस को प्राथमिकता दे। बीते दिनों अमेरिका ने भारत और रूस के बीच हुए एस-400 मिसाइल रोधी सौदा मामले में भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि भारत ने इस मामले में भी अमेरिका की नाराजगी की परवाह नहीं की थी।

2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले बदले सुर
दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच सोमवार को होने वाली 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले अमेरिका के सुर में बदलाव आया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते दुनिया में सबसे अहम हैं और उम्मीद है कि होने वाली वार्ता हमारे रिश्तों को और बेहतर बनाएगी। जेन साकी ने बयान जारी कर बताया कि बाइडन भारत और अमेरिका की सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं और हमारे लोगों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ वर्चुअल मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेता कई मुद्दों पर सहयोग के लिए चर्चा करेंगे। इसमें कोरोना से मुकाबला करना, जलवायु संकट का मुकाबला करना, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।

अमेरिका पहुंचे राजनाथ सिंह और जयशंकर
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेशमंत्री एस जयशंकर रविवार को अमेरिका के वाशिंगटन डीसी पहुंचे। दोनों नेता सोमवार को चौथे भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में शामिल होंगे। अपनी यात्रा के दौरान वे अमेरिकी नेताओं के साथ दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के तौर-तरीकों पर बात करेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के अधीन यह पहली 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता है। यह बैठक यूक्रेन संकट के बीच हो रही है। अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन पेंटागन में सिंह का भव्य स्वागत करेंगे और अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन जयशंकर से विदेश मंत्रालय के मुख्यालय फॉगी बॉटम में मुलाकात करेंगे। इसके बाद चारों मंत्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच होनी वाली वर्चुअल बैठक के लिए व्हाइट हाउस में मौजूद रहेंगे।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को रवाना होने से पहले ट्वीट किया था कि वह 10 से 15 अप्रैल तक अमेरिका दौरे के लिए नई दिल्ली से रवाना हो रहे हैं। वह वाशिंगटन डीसी में चौथे भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में शामिल होंगे। साथ ही वह अपनी यात्रा के दौरान हवाई में इंडोपैकॉम मुख्यालय भी जाएंगे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन बीमा उत्पाद -1

1.     उत्पाद क्या है :  लोकप्रिय संदर्भ में एक उत्पाद को एक वस्तु के बराबर माना जाता है - यानी बाजार में लाया और बेचा जाने वाला कोई सामान। उत्पाद यानी  ' प्रोडक्ट '  शब्द  ' रीप्रोड्यूस '  शब्द से आया है जिसका मतलब है  ' उत्पन्न करना '  या बनाना।दूसरे शब्दों में ,  उत्पाद कुछ परिश्रम या प्रयासों का प्रतिफल या परिणाम है। 2.     उत्पाद  2  प्रकार कि हो सकती है: a.     मूर्तः  यह उन भौतिक वस्तुओं को संदर्भित करता है जिन्हें सीधे स्पर्श करके जाना जा सकता है (उदाहरण  ___ के लिए ,  कार या टीवी सेट) b.     अमूर्तः  यह उन उत्पादों को दर्शाता है जिन्हें केवल परोक्ष रूप से ही अनुभूत किया जा सकता है। 3.     जीवन बीमा एक अमूर्त उत्पाद है। 4.     भारत के संदर्भ में एक ट्रस्ट अन्य प्रस्ताव पॉलिसी को एमडब्ल्यूपीए (विवाहित महिला संपत्ति अधिनियम) के तहत बनाए गए एक में डालने की सुविधा रही है -...

स्मृति ईरानी जीवन परिचय

एक ऐसी ही व्यक्ति के बारे आज हम आपको बताने जा रहे है जिसमे अपने परिवार को संभालने के लिए बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। उस इन्सान ने ना केवल अभिनय के क्षेत्र में पहचान बनायीं बल्की राजनीत में भी अपने काबिलियत पर बड़ी उपलब्धि हासिल की। <script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5445741994229368"      crossorigin="anonymous"></script> जिस व्यक्ति के बारे में यहाँ पर बताया जा रहा वह आज हमारे देश की कपड़ा मंत्री है। देश की कपड़ा मंत्री का नाम लेने पर अब आप जान ही गए होंगे की यहाँ पर किसकी बात हो रही है। हम बात कर रहे है देश की कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की। तो चलिए जानते है उनकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। स्मृति ईरानी का जन्म दिल्ली में एक मध्यम वर्ग परिवार में 23 मार्च 1976 में हुआ। उनके पिताजी पंजाबी और माँ बंगाली है। उन्हें दो बहनें है और स्मृति ईरानी सबसे बड़ी है। अपना परिवार चलाने के लिए उन्होंने 10 की पढाई के बाद ही काम करना शुरू कर दिया था। वह शुरू में सौंदर्य उत्पाद का प...

पीएम मोदी ने भारत और 5 मध्य एशियाई देशों के पहले शिखर सम्मेलन को किया संबोधित

पीएम मोदी ने भारत और 5 मध्य एशियाई देशों के पहले शिखर सम्मेलन को किया संबोधित भारत और मध्य एशिया के पांच देशों (कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान) के बीच पहला शिखर सम्मेलन आज वर्चुअल रूप से सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में जोकि वर्चुअल मोड़ में हुआ में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावे कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहामदो और किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सादिर जापारोव ने शिरकत की। भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के शिखर सम्मेलन के तीन लक्ष्य हैं। सबसे पहले यह स्पष्ट करना है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए भारत और मध्य एशिया के बीच आपसी सहयोग आवश्यक है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज की बैठक का दूसरा लक्ष्य हमारे सहयोग को एक प्...