भारत का गांधी पाकिस्तानी जिन्ना पर ढाई गुना भारी (रुपये की कीमत)पाकिस्तानी रुपये (Pakistani rupee) में लगातार गिरावट का दौर जारी है. पाकिस्तान (Pakistan) में जारी राजनीतिक उठापटक (Pakistan Political Turmoil) का असर पाकिस्तानी रुपये पर सीधा असर
देश में गहराते राजनीतिक संकट के मद्देनजर 4 मार्च से पाकिस्तानी रुपये में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इंटरबैंक मार्केट में पाकिस्तानी रुपया एक डॉलर के मुकाबले 189 पर व्यापार कर रहा था. बुधवार को ये एक डॉलर के मुकाबले 186.13 पर था. इस तरह इसमें 2 रुपये 87 पैसे की गिरावट आई. रुपये में लगातार 17वें वर्किंग डे पर लगातार गिरावट जारी है. हालांकि, 24 मार्च को ये सपाट स्तर पर बंद हुआ था. मुद्रा मूल्यह्रास को देखते हुए बाजार में घबराहट पैदा हो गई है. व्यापारी आयातकों को अपना भुगतान करने के लिए कम अवधि में अधिक खरीदारी करने के लिए मना रहे हैं, ताकि बाजार में डॉलर की कमी पैदा हो सके.
लगातार कम हो रहा विदेशी मुद्रा भंडार
दूसरी ओर, राजनीतिक उठापटक का असर बैंक पर भी देखने को मिल रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के विदेशी मुद्रा भंडार में साप्ताहिक आधार पर 6.04 फीसदी की गिरावट आई है. एक अप्रैल को एसबीपी के पास विदेशी मुद्रा भंडार 11,319.2 मिलियन डॉलर दर्ज किया गया था. जबकि 25 मार्च को ये 12,047.3 मिलियन था. इस तरह 25 मार्च की तुलना में एक अप्रैल तक विदेशी मुद्रा भंडार में 728 मिलियन डॉलर की कमी देखी गई. ये गिरावट 26 जून 2020 के बाद से सबसे अधिक है. सेंट्रल बैंक के मुताबिक यह गिरावट कर्ज की अदायगी को दर्शाती है.
देश में जारी है सियासी संकट
पाकिस्तान में इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद से ही राजनीतिक संकट गहरा गया. नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने इसे असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया. वहीं, इमरान की सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद को भंग कर दिया.वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया और गुरुवार को फैसला सुनाते हुए डिप्टी स्पीकर के फैसले को रद्द कर दिया. साथ ही संसद को फिर से बहाल कर दिया गया है. अदालत ने कहा है कि इमरान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 9 अप्रैल की सुबह नेशनल असेंबली में मतदान होगा
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