सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अमर बलिदानी: अवध बिहारी


*11मई/बलिदान-दिवस*

अमर बलिदानी : अवधबिहारी

मातृभूमि की सेवा के लिए व्यक्ति की शिक्षा, आर्थिक स्थिति या अवस्था कोई अर्थ नहीं रखती। दिल्लीवासी क्रांतिवीर अवधबिहारी ने केवल 25 वर्ष की अल्पायु में ही अपना शीश मां भारती के चरणों में समर्पित कर दिया। 

अवधबिहारी का जन्म चांदनी चैक, दिल्ली के मोहल्ले कच्चा कटरा में 14 नवम्बर, 1889 को हुआ था। इनके पिता श्री गोविन्दलाल श्रीवास्तव जल्दी ही स्वर्ग सिधार गये। अब परिवार में अवधबिहारी, उनकी मां तथा एक बहिन रह गयी। निर्धनता के कारण प्रायः इन्हें भरपेट रोटी भी नहीं मिल पाती थी; पर अवधबिहारी बहुत मेधावी थे। गणित में सदा उनके सौ प्रतिशत नंबर आते थे। उन्होंने सब परीक्षाएं प्रथम श्रेणी और कक्षा में प्रथम आकर उत्तीर्ण कीं।  

छात्रवृत्ति और ट्यूशन के बल पर अवधबिहारी ने सेंट स्टीफेंस काॅलिज से 1908 में प्रथम श्रेणी में स्वर्ण पदक लेकर बी.ए किया। उनकी रुचि पढ़ाने में थी, अतः वे लाहौर गये और सेंट्रल टेªनिंग काॅलिज से बी.टी की परीक्षा उत्तीर्ण की। टेªनिंग काॅलिज के एक अंग्रेज अध्यापक ने इनकी प्रतिभा और कार्यक्षमता देखकर कहा था कि ऐसे बुद्धिजीवी युवकों से अंग्रेजी शिक्षा और सभ्यता के प्रसार में बहुत सहायता मिल सकती है; पर उन्हें क्या पता था कि वह युवक आगे चलकर ब्रिटिश शासन की जड़ें हिलाने में ही लग जाएगा।

शिक्षा पूरी कर अवधबिहारी दिल्ली में संस्कृत हाईस्कूल में अध्यापक हो गये; पर वह सरकारी विद्यालय स्वाधीनता के उनके कार्य में बाधक था। अतः उसे छोड़कर वे लाला हनुमन्त सहाय द्वारा स्थापित नेशनल हाई स्कूल में पढ़ाने लगे। दिल्ली में उनकी मित्रता मास्टर अमीरचंद आदि क्रांतिकारियों से हुई, जो बम-गोली के माध्यम से अंग्रेजों को देश से भगाना चाहते थे।

23 दिसम्बर, 1912 को दिल्ली में वायसराय लार्ड हार्डिंग की शोभायात्रा  में इन्होंने एक भीषण बम फेंका। वायसराय हाथी पर बैठा था। निशाना चूक जाने से वह मरा तो नहीं; पर बम से उसके कंधे, दायें नितम्ब और गर्दन में भारी घाव हो गये। शासन ने इसकी जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की। शासन ने कुछ लोगों को पकड़ा, जिनमें से दीनानाथ के मुखबिर बन जाने से इस विस्फोट में शामिल सभी क्रांतिकारी पकड़े गये।

न्यायालय में अवधबिहारी पर यह आरोप लगाया गया कि बम में प्रयुक्त टोपी उन्होंने ही बसंतकुमार के साथ मिलकर लगायी थी। उन दिनों देश में अनेक विस्फोट हुए थे। अवधबिहारी को उनमें भी शामिल दिखाया गया। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने लिखा - अवधबिहारी जैसा शिक्षित और मेधावी युवक किसी भी जाति का गौरव हो सकता है। यह साधारण व्यक्ति से हजार दर्जे ऊंचा है। इसे फांसी की सजा देते हुए हमें दुख हो रहा है। 11 मई, 1915 इनकी फांसी की तिथि निर्धारित की गयी।

फांसी से पूर्व इनकी अंतिम इच्छा पूछी गयी, तो इन्होंने कहा कि अंग्रेजी साम्राज्य का नाश हो। जेल अधिकारी ने कहा कि जीवन की इस अंतिम वेला में तो शांति रखो। अवधबिहारी ने कहा, ‘‘कैसी शांति ? मैं तो चाहता हूं भयंकर अशांति फैले, जिसमें यह विदेशी शासन और भारत की गुलामी भस्म हो जाए। क्रांति की आग से भारत कुंदन होकर निकले। हमारे जैसे हजार-दो हजार लोग नष्ट भी हो जाएंगे, तो क्या ?’’ 

यह कहकर उन्होंने फंदा गले में डाला और वन्दे मातरम् कहकर रस्सी पर झूल गये। उस कारागार और फांसीघर के स्थान पर आजकल मौलाना आजाद मैडिकल कॉलिज बना है।

(संदर्भ : मातृवंदना, क्रांतिवीर नमन अंक, मार्च-अप्रैल 2008/क्रांतिकारी कोश)
...................................

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन बीमा उत्पाद -1

1.     उत्पाद क्या है :  लोकप्रिय संदर्भ में एक उत्पाद को एक वस्तु के बराबर माना जाता है - यानी बाजार में लाया और बेचा जाने वाला कोई सामान। उत्पाद यानी  ' प्रोडक्ट '  शब्द  ' रीप्रोड्यूस '  शब्द से आया है जिसका मतलब है  ' उत्पन्न करना '  या बनाना।दूसरे शब्दों में ,  उत्पाद कुछ परिश्रम या प्रयासों का प्रतिफल या परिणाम है। 2.     उत्पाद  2  प्रकार कि हो सकती है: a.     मूर्तः  यह उन भौतिक वस्तुओं को संदर्भित करता है जिन्हें सीधे स्पर्श करके जाना जा सकता है (उदाहरण  ___ के लिए ,  कार या टीवी सेट) b.     अमूर्तः  यह उन उत्पादों को दर्शाता है जिन्हें केवल परोक्ष रूप से ही अनुभूत किया जा सकता है। 3.     जीवन बीमा एक अमूर्त उत्पाद है। 4.     भारत के संदर्भ में एक ट्रस्ट अन्य प्रस्ताव पॉलिसी को एमडब्ल्यूपीए (विवाहित महिला संपत्ति अधिनियम) के तहत बनाए गए एक में डालने की सुविधा रही है -...

स्मृति ईरानी जीवन परिचय

एक ऐसी ही व्यक्ति के बारे आज हम आपको बताने जा रहे है जिसमे अपने परिवार को संभालने के लिए बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था। उस इन्सान ने ना केवल अभिनय के क्षेत्र में पहचान बनायीं बल्की राजनीत में भी अपने काबिलियत पर बड़ी उपलब्धि हासिल की। <script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5445741994229368"      crossorigin="anonymous"></script> जिस व्यक्ति के बारे में यहाँ पर बताया जा रहा वह आज हमारे देश की कपड़ा मंत्री है। देश की कपड़ा मंत्री का नाम लेने पर अब आप जान ही गए होंगे की यहाँ पर किसकी बात हो रही है। हम बात कर रहे है देश की कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की। तो चलिए जानते है उनकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। स्मृति ईरानी का जन्म दिल्ली में एक मध्यम वर्ग परिवार में 23 मार्च 1976 में हुआ। उनके पिताजी पंजाबी और माँ बंगाली है। उन्हें दो बहनें है और स्मृति ईरानी सबसे बड़ी है। अपना परिवार चलाने के लिए उन्होंने 10 की पढाई के बाद ही काम करना शुरू कर दिया था। वह शुरू में सौंदर्य उत्पाद का प...

पीएम मोदी ने भारत और 5 मध्य एशियाई देशों के पहले शिखर सम्मेलन को किया संबोधित

पीएम मोदी ने भारत और 5 मध्य एशियाई देशों के पहले शिखर सम्मेलन को किया संबोधित भारत और मध्य एशिया के पांच देशों (कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान) के बीच पहला शिखर सम्मेलन आज वर्चुअल रूप से सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन में जोकि वर्चुअल मोड़ में हुआ में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावे कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहामदो और किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सादिर जापारोव ने शिरकत की। भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की पहली बैठक में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के शिखर सम्मेलन के तीन लक्ष्य हैं। सबसे पहले यह स्पष्ट करना है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए भारत और मध्य एशिया के बीच आपसी सहयोग आवश्यक है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज की बैठक का दूसरा लक्ष्य हमारे सहयोग को एक प्...