1. उच्च गुणवत्तापूर्ण सेवा क्या है? इसकी विशेषताएं क्या हैं?
सेवा की गुणवत्ता पर एक प्रसिद्ध मॉडल ["SERVQUAL” नामक] हमें कुछ अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। यह सेवा की गुणवत्ता के पांच प्रमुख संकेतकों पर प्रकाश डालता है।
a. विश्वसनीयता
b. जवाबदेही
c. आश्वासन
d. सहानुभूति
e. मूर्त वस्तुएं
2. ग्राहक का आजीवन मूल्य: इसके तीन भाग हैं ।
a. ऐतिहासिक मूल्य: प्रीमियम और अन्य आय जो ग्राहक से अतीत में प्राप्त किए गए हैं
b. वर्तमान मुल्य: भविष्य के प्रिमियम जिसके मौजूदा व्यवसाय के बने रहने पर प्राप्त होने कि अपेक्षा की जाती है
c. संभावित मूल्य: प्रिमियम का मूल्य जो ग्राहक को अतिरिक्त उत्पाद खरीदने के लिए राजी करके प्राप्त किया जा सकता है
3. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 यह अधिनियम “उपभोक्ताओं के हित की बेहतर सुरक्षा की व्यवस्था करने और उपभोक्ता के विवादों के निपटारे के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना का प्रावधान करने के लिए पारित किया गया था। “इस अधिनियम को उपभोक्ता संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2002 के द्वारा संशोधित किया गया है।
4. “सेवा” का मतलब है किसी भी विवरण की सेवा जो संभावित उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराई गयी है और जिसमें बैंकिंग, वित्त, बीमा, परिवहन, प्रोसेसिंग,बिजली या अन्य ऊर्जा की आपूर्ति, बोर्ड या अस्थायी आवास या दोनों, आवासीय निर्माण, मनोरंजन, मौज-मस्ती या समाचार अथवा अन्य जानकारी प्रदान करने के संबंध में सुविधाओं का प्रावधान शामिल है।
5. “उपभोक्ता” का मतलब है ऐसा कोई भी व्यक्ति जो :
a. एक प्रतिफल के लिए कोई सामान खरीदता है और इस तरह के सामान के किसी भी उपयोगकर्ता को शामिल करता है। लेकिन ऐसे किसी व्यक्ति को शामिल नहीं करता है जो इस तरह के सामान को पुनर्विक्रय के लिए या किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए प्राप्त करता है या
b. एक प्रतिफल के लिए कोई भी प्राप्त करता है या किराए पर लेता है और ऐसी सेवाओं के लाभार्थी को शामिल करता है।
6. ‘दोष' का मतलब निष्पादन की गुणवत्ता, प्रकृति और तरीके में कोई भी दोष, अपूर्णता, कमी, अपर्याप्तता है जो किसी भी क़ानून के तहत या उसके द्वारा बनाए रखा जाना आवश्यक है या किसी अनुबंध के पालन में या अन्यथा किसी भी सेवा के संबंध में किसी व्यक्ति द्वारा निष्पादन का वचन दिया गया है।
7. 'शिकायत' का मतलब है एक शिकायतकर्ता द्वारा लिखित रूप में लगाया गया कोई भी आरोप ।
8. 'उपभोक्ता विवाद' का मतलब है ऐसा विवाद जहां वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध शिकायत की गयी है, शिकायत में निहित आरोपों से इनकार करता है और उनका विरोध करता है।
9. उपभोक्ता विवादों की श्रेणियां: जहां तक बीमा व्यवसाय का सवाल है, तीनों फोरमों के अधिकांश उपभोक्ता विवाद निम्नलिखित मुख्य श्रेणियों में आते हैं:
a. दावों के निपटान में देरी
b. दावों का निपटारा नहीं करना
c. दावों का अस्वीकरण
d. हानि की मात्रा
e. पॉलिसी के नियम, शर्तें आदि
10. बीमा अधिनियम, 1938 की शक्तियों के तहत केंद्र सरकार ने 11 नवंबर, 1998 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित एक अधिसूचना के द्वारा लोक शिकायत निवारण नियम, 1998 बनाया है।
11. लोकपाल, बीमाधारक और बीमा की आपसी सहमति से प्रसंग की शर्तों के भीतर एक मध्यस्थ और परामर्शदाता के रूप में कार्य कर सकता है। शिकायत को स्वीकार या अस्वीकार करने का लोकपाल का निर्णय अंतिम होता है।
12. विश्वास के तत्व:
a. आकर्षण
b. मौजूदगी
c. संचार
13. संचार प्रक्रिया: संचार क्या है ?
सभी संचारों में प्रेषक, जो संदेश भेजता है और उस संदेश के प्राप्तकर्ता की आवश्यकता होती है। प्राप्तकर्ता को प्रेषक का संदेश समझ में आने के साथ ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
14. संचार के रूप: संचार के कई रूप हो सकते हैं:
a. मौखिक
b. लिखित
c. गैर-मौखिक
d. शारीरिक भाषा का प्रयोग
15. स्रोत: संदेश के स्रोत के रूप में एजेंट को यह स्पष्ट होना चाहिए कि वह क्यों संवाद करने जा रहा है और क्या संवाद करना चाहता है, और उसे यह विश्वास होना चाहिए कि भेजी जा रही जानकारी उपयोगी और सटीक है।
16. संदेश वह जानकारी है जिसे व्यक्ति बताना चाहता है।
17. एनकोडिंग जानकारी हस्तांतरित करने की प्रक्रिया है जिसे व्यक्ति एक ऐसे रूप में बताना चाहता है जो आसानी से भेजा जा सके और दूसरी ओर सही तरीके से समझा (डीकोड किया) जा सके।
18. कोई भी संदेश एक चैनल के माध्यम से भेजा जाता है जिसे इस प्रयोजन के लिए चुना जाना आवश्यक है। चैनल व्यक्तिगत आमने सामने की बैठकों, टेलीफोन और वीडियो कांफ्रेंसिंग सहित मौखिक हो सकता है; या इसे पत्र, ईमेल, मेमो और रिपोर्ट सहित लिख कर भेजा जा सकता है।
19. डीकोडिंग वह चरण है जिसमें गंतव्य पर जानकारी प्राप्त होती है, उसकी व्याख्या की जाती है और इसे निश्चित तरीके से समझा जाता है।
20. प्राप्तकर्ता: अंत में प्राप्तकर्ता होता है, वह/वे व्यक्ति [दर्शक/श्रोता]जिनको संदेश भेजा भेजा जाता है। इस दर्शक/श्रोता के प्रत्येक सदस्य के पास अपने विचार, मान्यताएं और भावनाएं होती हैं और ये इस बात को प्रभावित करेंगे कि संदेश कैसे प्राप्त किया गया है और उस पर कैसी कार्रवाई हुई है ।
21. जैसे ही संदेश भेजा और प्राप्त किया जाता है, प्राप्तकर्ता द्वारा प्रेषक को मौखिक और गैर-मौखिक संदेश के रूप में प्रतिक्रिया भेजने की संभावना रहती है।
22. जवाबदेही और कॉर्पोरेट प्रशासन के बारे में चर्चा बढ़ती जा रही है, इन सभी को एक साथ व्यवसाय में "नैतिकता” कहा जा सकता है।
23. सूचना का अधिकार अधिनियम' जैसे क़ानून और 'जनहित याचिका' जैसी प्रगति को बेहतर जवाबदेही और सुशासन प्राप्त करने के साधन के रूप में काफी महत्वपूर्ण माना गया है।
24. नैतिक आचरण अपने आप सुशासन की ओर ले जाता है। जब व्यक्ति अपना काम कर्तव्यपरायणता और ईमानदारी से पूरा करता है तो यह सुशासन है।
25. सक्रिय रूप से सुनने में ध्यान देना, प्रतिक्रिया प्रदान करना और उचित तरीके से जवाब देना शामिल है।
26. नैतिक आचरण में ग्राहक के हित को अपने हित से आगे रखना शामिल है।
इ कौशलेन्द्र प्रताप सिंह
ग्राहक सेवा
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