1.कहा जाता है कि बीमा किसी न किसी रूप में हजारों साल पहले से अस्तित्व में रहा है। वर्षों से विभिन्न सभ्यताओं ने पूलिंग की अवधारणा और समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा उठाए गए सभी नुकसानों को अपने बीच विभाजित करने की प्रथा को अपनाया है।
2. हालांकि, आधुनिक बीमा का सबसे पुराना प्रकार 14वीं सदी में यूरोप में, विशेष रूप से इटली में व्यवसाय मंडलियों या सोसायटियों द्वारा सुरक्षा के रूप में था।
3. आग बीमा का एक रूप, जैसा कि आज हम इसे जानते हैं, 1591 में हैम्बर्ग में अस्तित्व में रहा प्रतीत होता है। जैसा कि इंग्लैंड के मामले में, 1666 में लंदन की भीषण आग, जिसमें शहर का अधिकांश हिस्सा और 13,000 से अधिक मकान नष्ट हो गए थे, इसने बीमा को बढ़ावा देने का काम किया और 1680 में 'फायर ऑफिस' नामक पहली आग बीमा कंपनी की शुरुआत हुई।
4. लॉयड्सः आज प्रचलित बीमा कारोबार का मूल लंदन में लॉयड के कॉफी हाउस में देखा जाता है।
5. भारत में आधुनिक व्यावसायिक बीमा का इतिहास भारत में आधुनिक बीमा की शुरुआत वर्ष 1800 के प्रारंभ में या उसके आसपास हुई थी जब विदेशी बीमा कंपनियों की एजेंसियों ने समुद्री बीमा व्यवसाय प्रारंभ किया।
6. भारत में स्थापित पहली जीवन बीमा कंपनी की स्थापना 1818 में एक अंग्रेजी कंपनी, ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के रूप में हुई थी और पहली गैर-जीवन बीमा कंपनी 1850 में स्थापित ट्राइटन इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड थी, दोनों की स्थापना कलकत्ता में हुई थी।
7. पहली संपूर्ण भारतीय बीमा कंपनी 1870 में मुंबई में स्थापित बॉम्बे म्युचुअल एश्योरेंस सोसायटी लिमिटेड थी।
8. 1912 में बीमा व्यवसाय को विनियमित करने के लिए जीवन बीमा कंपनी अधिनियम और भविष्य निधि अधिनियम पारित किए गए।
9. जीवन बीमा कंपनी अधिनियम, 1912 ने प्रीमियम-दर तालिकाओं और समय-समय पर कंपनियों के मूल्यांकन को एक बीमांकिक द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य कर दिया।
10. भारत की सबसे पुरानी बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड है जो आज भी मौजूद है, इसकी स्थापना 1906 में हुई थी।
11. जीवन बीमा व्यवसाय को 1 सितंबर 1956 में राष्ट्रीयकृत किया गया और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का गठन किया गया।
12. उस समय भारत में 170 कंपनियां और 75 भविष्य निधि सोसायटियां जीवन बीमा कारोबार में संलग्न थीं।
13. 1956 से 1999 तक भारत में जीवन बीमा कारोबार करने का एकमात्र अधिकार एलआईसी के पास था।
14. गैर-जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण 1972 में साधारण बीमा व्यवसाय राष्ट्रीयकरण अधिनियम (जिबना) के पारित होने के साथ गैर-जीवन बीमा कारोबार का भी राष्ट्रीयकरण किया गया और भारतीय साधारण बीमा निगम (जीआईसी) और उसकी चार सहायक कंपनियों का गठन किया गया।
15. स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) क्या है: आपने "स्वास्थ्य ही धन है" कहावत के बारे सुना होगा।
16. 'स्वास्थ्य' (health) शब्द की उत्पत्ति 'hoelth' शब्द से हुई थी जिसका मतलब है "शरीर की आरोग्यता'।
17. पुराने जमाने में स्वास्थ्य को एक 'दिव्य उपहार' माना जाता था और बीमारी को संबंधित व्यक्ति द्वारा किए गये पापों का कारण माना जाता था।
18. बीमारी के पीछे के कारणों को सामने लाने वाले व्यक्ति हिप्पोक्रेट्स (460-370 ईसा पूर्व) थे।।
19. स्वास्थ्य की एक व्यापक रूप से स्वीकार्य परिभाषा1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दी गयी है। इसमें कहा गया है कि "स्वास्थ्य एक पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की अवस्था है, न कि सिर्फ बीमारी की अनुपस्थिति"।
20. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ): स्वास्थ्य एक संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की अवस्था है, न कि सिर्फ बीमारी की अनुपस्थिति।
21. स्वास्थ्य के निर्धारक आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि निम्नलिखित कारक किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य का निर्धारण करते हैं:
a. जीवनशैली के कारक
b. पर्यावरणीय कारक
c. आनुवंशिक कारक
22. स्वास्थ्य सेवा के स्तर स्वास्थ्य सेवा कुछ और नहीं बल्कि सरकार सहित विभिन्न एजेंसियों और प्रदाताओं द्वारा लोगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, बनाए रखने, निगरानी करने या बहाल करने के लिए प्रदान की जाने वाली सेवाओं का एक सेट है। एक प्रभावशाली स्वास्थ्य सेवा ऐसी होनी चाहिए:
a. लोगों की जरूरतों के लिए उपयुक्त
b. व्यापक
c. पर्याप्त
d. आसानी से उपलब्ध
e. किफायती
23. स्वास्थ्य को मोटे तौर पर इस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है:
a. प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा
b. द्वितीयक स्वास्थ्य सेवा
c. तृतीयक स्वास्थ्य सेवा
24. भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित करने वाले कारक: भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था को कई समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और यह सिलसिला आज भी जारी है। नतीजतन, ये स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की प्रकृति और सीमा तथा व्यक्तिगत स्तर पर आवश्यकता और संरचनात्मक स्तर पर स्वास्थ्य संगठन को प्रभावित करते हैं। इनकी चर्चा नीचे की गयी हैं:
a. जनसांख्यिकीय या जनसंख्या से संबंधित रुझान
b. सामाजिक रुझान
c. जीवन प्रत्याशा (दीर्घायु होना)
25. कर्मचारी राज्य बीमा योजना भारत में स्वास्थ्य बीमा की औपचारिक रूप से शुरुआत कर्मचारी राज्य बीमा योजना के साथ हुई थी जिसे 1947 में देश की आजादी के कुछ ही समय बाद ईएसआई अधिनियम, 1948 के आधार पर शुरू किया गया था।
26. ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) कार्यान्वयन एजेंसी है जो अपने स्वयं के अस्पतालों और औषधालयों का संचालन करती है और जहां कहीं भी इसकी अपनी सुविधाएं अपर्याप्त हैं, यह सार्वजनिक/निजी प्रदाताओं से अनुबंध करती है।
27. 15,000 रुपए तक का पारिश्रमिक अर्जित करने वाली सभी कामगारों को अंशदायी योजना के तहत कवर किया जाता है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता क्रमशः वेतन के 1.75% और 4.75% का अंशदान करते हैं; राज्य सरकारें चिकित्सा व्यय के 12.5% का योगदान करती हैं। कवर किए गए लाभों में शामिल हैं:
a. ईएसआईएस केंद्रों में निःशुल्क व्यापक स्वास्थ्य सेवा
b. मातृत्व लाभ
c. विकलांगता लाभ
d. बीमारी और उत्तरजीविता की वजह से पारिश्रमिक के नुकसान के लिए नकद मुआवजा और
e. कामगार की मौत के मामले में अंतिम संस्कार के खर्चे
28. ईएसआईएस ने मार्च 2012 तक 65.5 मिलियन से अधिक लाभार्थियों को कवर किया है।
29. केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना ईएसआईएस के कुछ ही समय बाद केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) सामने आयी जो पेंशन भोगियों और नागरिक सेवा में कार्यरत उनके परिवार के सदस्यों समेत केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए 1954 में शुरू की गई थी।
30. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र: सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला स्तर पर और एक सीमित हद तक ग्राम स्तर पर संचालित होती है जहां गांवों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीतियों को लागू करने के लिए समुदायिक स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है जो ग्राम समुदाय और सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच की कड़ी के रूप में काम करते हैं। इनमें शामिल हैं:
a. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (हर 1,000 की जनसंख्या के लिए 1) जिनको मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोषण पूरकता कार्यक्रम और समेकित बाल विकास सेवा योजना (आईसीडीएस) के अंतर्गत नामांकित किया गया है।
b. प्रशिक्षित जन्म सेविकाएं (टीबीए) और ग्राम स्वास्थ्य गाइड (राज्यों में स्वास्थ्य विभागों की एक प्रारंभिक योजना)।
c. आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) स्वयंसेवक, जिनका चयन समुदाय द्वारा एनआरएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) कार्यक्रम के तहत किया गया है जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिंक के रूप में सेवा करने के लिए प्रशिक्षित नई, ग्राम-स्तरीय, स्वैच्छिक स्वस्थ्य कार्यकर्ता हैं।
31. भारत के पास जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण जैसी अपनी खुद की विशिष्ट चुनौतियां हैं जिनके लिए उचित स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता होती है।
32. सरकार सबसे पहले स्वास्थ्य बीमा योजनाएं लेकर आयी थी जिसके बाद निजी बीमा कंपनियों द्वारा व्यावसायिक बीमा की शुरुआत हुई।
33. स्वास्थ्य बीमा बाजार कई खिलाड़ियों से मिलकर बना है जहां कुछ खिलाड़ी बुनियादी सुविधा
34. (इंफ्रास्ट्रक्चर) उपलब्ध कराने का काम करते है तो अन्य बीमा सेवाएं प्रदान करते हैं, ब्रोकर, एजेंट और तृतीय पक्ष व्यवस्थापक (टीपीए) जैसे मध्यस्थ स्वास्थ्य बीमा व्यवसाय को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं, और अन्य नियामक, शैक्षिक एवं वैधानिक संस्थाएं अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाती हैं।
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