घर खरीदने के बजाय किराए पर रहें, इस तरह होगा लाखों रु का फायदा
पहले जानते हैं कि घर खरीदने पर आपको क्या-क्या फायदे मिलते हैं। यह सेफ्टी फील देता और घर का मालिक होना एक बड़ी बात है। किराया एक ऐसा खर्च है जो बिना किसी फिजिकल एसेट के हर महीने होता है। वहीं ईएमआई का भुगतान करने पर आपको घर भी मिलता है और एक साथ बड़ा खर्च भी नहीं होता। किराए पर घर लेने के साथ आपको अक्सर ट्रांसफर करना पड़ता है जिसमें बहुत अधिक समय, पैसा और ऊर्जा बर्बाद होती है, लेकिन घर के मालिक होने के मामले में ऐसा नहीं है। रियल-एस्टेट निवेश एक सुरक्षित निवेश भी है।
किराए पर लेने से ईएमआई भुगतान, हाउस टैक्स और अन्य कानूनी मुद्दों का बोझ नहीं पड़ता जो घर का मालिक बन पर होते हैं। किराए के मकान में आपका किराया 15-20 हजार रु हो सकता है। जबकि ईएमआई 35-40 हजार रु तक हो सकती है। आप ऑफिस के करीब या अच्छे स्कूलों के करीब किराए पर घर ले सकते है, लेकिन अपनी प्रॉपर्टी बजट के अंदर ऐसी जगह मिले, ये हो भी सकता है और नहीं भी।
फंडा बहुत आसान है कि आपको घर खरीदने के लिए ईएमआई देनी है और किराए पर लेने के लिए किराया। किराए और ईएमआई के बीच का अंतर ऊपर बताए गए ऊदाहरण के आधार पर 20000 रु हो सकता है। ये कम-ज्यादा भी हो सकता है। यहां हम 20000 रु मान रहे हैं। अब यदि आप इस 20000 रु को हर महीने निवेश करें तो कुछ सालों में मालामाल बन जाएंगे।
यदि आप इस 20 हजार रु को हर महीने एसआईपी के जरिए किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो केवल 10 साल में आप 41.31 लाख रु का फंड तैयार कर सकते हैं। ये मैच्योरिटी राशि हमने 10 फीसदी सालाना अनुमानित रिटर्न के आधार पर बताई है, जबकि आम तौर पर म्यूचुअल फंड से सालाना 12 फीसदी सालाना रिटर्न की उम्मीद की जाती है। इस 41.31 लाख रु में से आपका निवेश होगा 24 लाख रु और बाकी 17.31 लाख रु आपका मुनाफा होगा।
यदि आप 10 साल बाद घर खरीदते हैं तो आपको कम अतिरिक्त पैसे की जरूरत होगी। आपको कम लोन लेना होगा। इससे आपकी ईएमआई कम होगी और ब्याज भी कम देना होगा। कुल मिला कर घर खरीदने के लिए 10 साल का इंतजार आपको काफी फायदा करा सकता है।
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